सौगंध खाना का अर्थ
[ sauganedh khaanaa ]
सौगंध खाना उदाहरण वाक्य
परिभाषा
क्रिया- अपने कथन की सत्यता प्रमाणित करने के उद्देश्य से ईश्वर, देवता अथवा किसी पूज्य या अतिप्रिय व्यक्ति, वस्तु आदि की दुहाई देते हुए दृढ़तापूर्वक अपनी बात कहना (प्रायः अपनी बात पर जोर देने हेतु):"मैं माँ की कसम खाता हूँ कि मैंने चोरी नहीं की"
पर्याय: कसम खाना, सौगन्ध खाना, कसम लेना, सौगंध लेना, सौगन्ध लेना, शपथ लेना, कसम उठाना, सौगंध उठाना, सौगन्ध उठाना
उदाहरण वाक्य
- कुछ अजब सा लगता है सौगंध खाना आपका
- समवाना , भरवाना, पुरवाना 8. सौगंध खाना 9.
- सौगंध खाना ” से तो चौंक जाता है हर को ई .
- ( إ ِ ن ِ ار ْ ت َ ب ْ ت ُ م ْ ) सौगंध खाना और खिलाना शक को दूर करने का एक तरीक़ा है।
- बिदअत अर्थात धर्म में शामिल की जाने वाली नई बातों व पापों से संघर्ष विशेष कर उन बातों से संघर्ष जो अनेकेश्वरवाद की श्रेणी में आती हैं जैसे ईश्वर के प्रिय बंदों की ज़ियारत , तवस्सुल और उनसे संबंधित वस्तुओं से विभूति चाहना , उनकी क़ब्रों के निकट नमाज़ पढ़ना , क़ब्रों पर दिया जलाना या उन पर कुछ लिखना , ईश्वर के अतिरिक्त किसी की भी सौगंध खाना , या उससे बीमारी ठीक करने की आशा रखना या उससे शेफ़ाअत करने का अनुरोध करना यह सब शिर्क या अनेकेश्वरवाद है और इनसे संघर्ष किया जाना चाहिए।